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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: सरकारी धन का गबन करने वाला आरोपी ठेकेदार गिरफ्तार

बिना कार्य पूरा कराए करा लेता था भुगतान  

आजमगढ़। ईओडब्लू वाराणसी की टीम ने शनिवार को जिले के अहरौला थाना क्षेत्र से एक ठेकेदार को सरकारी धन गबन के एक मामले में गिरफ्तार किया है। अहरौला थाने में इसकी इंट्री कराने के बाद उसे आरोपी ठेकेदार को लेकर वाराणसी चली गई। मामला 2013 में पर्यटन विकास व सौंदर्यीकरण के लिए गाजीपुर जिले को जारी हुए सात करोड़ रुपये का है।

  एसपी ईओडब्लू (वाराणसी)  डी प्रदीप कुमार ने इसकी पुष्टि की।  वर्ष 2013 में प्रदेश सरकार ने गाजीपुर जिले के ब्लॉक भदौरा में स्थित परमेन शाह तालाब, सेवराई चीर पोखरा, मां कामाख्या धाम गमहर व देवकली देव स्थल के पर्यटन विकास व सौंदर्यीकरण के लिए लगभग सात करोड़ रुपये अवमुक्त किया था।  कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड था। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों/कर्मचारियों ने ठेकेदार, निर्माण सामग्री सप्लाई करने वाले फर्म के स्वामियों से मिलीभगत कर मानक के अनुरूप कार्य नहीं कराया। इतना ही नहीं आधा अधूरा कार्य करा कर सरकारी धन का बंदरबाट कर लिया गया। इसकी जानकारी होने पर 2017 में अविनाश चंद्र संयुक्त निदेशक पर्यटन विंध्याचल मंडल वाराणसी ने गाजीपुर जिले के गहमर थाने में कार्यदायी संस्था के अधिकारियों, कर्मचरियों के अलावा ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच 2018 में ईओडब्लू को दे दी गई।  जांच में ईओडब्लू के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने कार्यदायी संस्था के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक, अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही ठेकेदार को भी संलिप्त पाया। जिस पर ईओडब्लू की टीम शनिवार को जिले में पहुंची और ठेकेदार राम प्रसाद यादव पुत्र रामदुलार यादव निवासी शाहवानीपुर थाना अहरौला को निर्माणाधीन राजकीय पॉलीटेक्निक शमशल्लीपुर माहुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। थाने पर लिखा पढ़ी के बाद ईओडब्लू की टीम उसे कोर्ट में पेश करने के लिए वाराणसी लेकर रवाना हो गई।