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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: धान की रोपाई के दौरान आकाशीय बिजली से एक दर्जन घायल


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया भर्ती

बरदह। दीदारगंज थाना के बेला इमादपुर गांव में आकाशीय बिजली गिरने से एक दर्जन मजदूर झुलस गए। घटना के समय सभी मजदूर खेत में धान की रोपाई कर रहे थे। बारिश होने पर सभी एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए, तभी यह हादसा हुआ। घायल सभी मजदूरों का पीएचसी मार्टीनगंज में इलाज के लिए भेजा गया। दीदारगंज थाना क्षेत्र के बेला इमादपुर गांव निवासी एक व्यक्ति के खेत में शनिवार सुबह धान की रोपाई हो रही थी। 13 मजदूर धान की रोपाई में लगे हुए थे। साढ़े नौ बजे के आसपास अचानक बरसात शुरू हो गई। जिस पर सभी मजदूर खेत से बाहर निकल कर एक के पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो गए। इसी दौरान बिजली पेड़ पर गिरी और नीचे खड़े सभी मजदूर चपेट में आकर झुलस गए। एक साथ 13 लोगों के बिजली से झुलसने की जानकारी होते ही गांव में हड़कंप मच गया। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। आनन-फानन सभी को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मार्टीनगंज ले जाया गया। एक साथ दर्जन भर से अधिक लोगों को इलाज के लिए पहुंचने पर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था भी चरमरा गई। बेड की कमी के बीच किसी तरह सभी को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। फिलहाल सभी झुलसे लोगों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। झुलसे लोगों में करिश्मा (22), सुशीला (30), रेशमा (18), सुशील (35), इंद्रजीत (50), मूलादेवी (34), चंद्र (18), सरिता (45), शारदा (35), चंद्रकला (36), प्यारी (40) समेत तीन अन्य शामिल हैं।