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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: आजमगढ़ में निरहुआ ने तोड़ दिया समाजवादियों का 'अभेद्य' किला

सपा के गढ़ में भाजपा ने लहराया परचम

आजमगढ़। ‘किया नही जो कोई करके दिखाएंगे’ अपने इस गाने के बोल को आजमगढ़ चरित्रार्थ करते हुए लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी और भोजपुरी फिल्मस्टार व गायक दिनेश लाल यादव निरहूआ ने सपा के कद्दावर नेता धर्मेंद्र यादव को  लगभग 12 हजार मतों मात देते हुए सपा के गढ़ पर कब्जा कर लिया।
सपा के गढ़ में मुलायम परिवार को  दिनेश लाल यादव ने जबरदस्त पटखनी दी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की खाली की गई सीट पर उन्हीं के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को निरहुआ ने हरा दिया। जिसे लेकर भाजपा समर्थकों में खुशी की लहर है। यूं तो उपचुनाव पर लोगों को कोई खास दिलचस्पी नहीं होती मगर पूर्वांचल की प्रतिष्ठापरक आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सभी को दिलचस्पी थी। इसका कारण ये था कि आजमगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मोदी-योगी लहर होने के बाद भी आजमगढ़ की 10 विधानसभा सीटों में से एक पर भी भाजपा को जीत नहीं मिली थी। ऐसे में माना जा रहा था कि करहल से विधायक बनने के बाद अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की संसदीय सीट रहे जिस आजमगढ़ से संसद सदस्यता छोड़ी है, उस पर उनके भाई धर्मेंद्र आसानी से जीत जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सपा के गढ़ को भाजपा ने भेद दिया।  उपचुनाव में आजमगढ़ फतह के लिए सभी दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया और हर वर्ग को रिझाने में जुटे रहे। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित प्रदेश के तमाम दिग्गज डटे रहे। उधर, सपा की ओर पूर्व मंत्री आजम खां, स्वामी प्रसाद मौर्य व सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर सहित अन्य लोगों ने माहौल बनाने का प्रयास किया। अखिलेश यादव अपने भाई धर्मेंद्र के लिए प्रचार करने एक बार भी आजमगढ़ नहीं आए।  इसे भाजपा ने मुद्दा भी बनाया था। तब सपा की तरफ से कई तरह की बातें कहीं गई थी। यह भी कहा गया था कि उपचुनाव में अखिलेश प्रचार नहीं करते हैं। वोटिंग के बाद प्रशासन पर सख्ती करने का भी आरोप लगाया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ भाजपा में शामिल होते हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया जाता है। निरहुआ के सामने सपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं। इसके बावजूद निरहुआ ने यहां से चुनाव लड़ने में जरा भी हिचक नहीं दिखाई और अखिलेश के खिलाफ ताल ठोक दी।  2019 के चुनाव में निरहुआ ने आजमगढ़ की हर गलियां छान मारी। लोगों को गाने सुनाए और आजमगढ़ के विकास के लिए खुद के समर्थन की अपील की।  बावजूद इसके निरहुआ दो लाख 59 हजार वोटों से चुनाव हार गए। अखिलेश यादव को इस चुनाव में 6 लाख 21 हजार वोट मिले थे जबकि निरहुआ को सिर्फ तीन लाख 61 हजार 704 वोट मिले। चुनाव हारने के बाद भी निरहुआ निराश नहीं हुए। उन्होंने कहा था कि पक्के इरादे के साथ आजमगढ़ में कड़ी मेहनत करेंगे और जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। किस्मत ने ज्यादा वक्त नहीं लिया और निरहुआ को इसके लिए तीन साल बाद ही मौका दे दिया। निरहुआ इस बार नहीं चूके और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हराकर सपा के गढ़ को आखिरकार ध्वस्त कर ही दिया। दिनेश लाल यादव निरहुआ ने ट्वीट किया- आजमगढ़वासियों आपने कमाल कर दिया है। यह आपकी जीत है। उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही जिस तरीके से आप सबने भाजपा को प्यार, समर्थन और आशीर्वाद दिया, यह उसकी जीत है। यह जीत आपके भरोसे और देवतुल्य कार्यकर्ताओं की मेहनत को समर्पित है।