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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिका में दिखा पुष्पा स्टाइल: लिखा..‘बहुत हो गया...अब लिखेगा नहीं’, छात्रा ने लिखा फेल हुई तो शादी नहीं होगी


पूर्वांचल डेस्क। फिल्म पुष्पा में अभिनेता अल्लू अर्जुन का डायलॉग ‘पुष्पा झुकेगा नहीं’ इन दिनों खूब चर्चा में है। इस डायलॉग का असर यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिका में भी दिखाई दिया। छात्र ने कॉपी के अंत में लिखा ‘बहुत हो गया...अब लिखेगा नहीं’। छात्र ने कॉपी पर पुष्पा स्टाइल में गर्दन के पास हाथ का चित्र भी बनाया। उसकी कॉपी देखकर परीक्षकों में इसकी चर्चा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित हाईस्कूल व इंटरमीडियट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य इन दिनों चल रहा है। जीआईसी, इस्लामिया कॉलेज, देवी प्रसाद कॉलेज समेत छह केंद्रों पर मूल्यांकन का कार्य हो रहा। मूल्यांकन के दौरान कॉपियों पर छात्र-छात्राओं का स्टाइल और भावुक अंदाज भी सामने आया। मूल्यांकन में सबसे ज्यादा पुष्पा स्टाइल परीक्षकों में छाया है। छात्र ने परीक्षक से पास करने के लिए अनुनय-विनय किया है। उसने कापी के अंत में लिखा, ‘बहुत हो गया...अब लिखेगा नहीं’। हालांकि परीक्षक ने हल किए हुए सवालों के नंबर ही दिए।

भावुक अपील भी कर रहे छात्र

मूल्यांकन के दौरान छात्रों के तमाम तरह की भावुक अपील भी परीक्षकों को पढ़ने के लिए मिल रही हैं। कुछ को पढ़कर वे ठहाके लगाते हैं। वहीं दूसरी तरफ कापियों के मूल्यांकन में पहले की तरह नोटों का निकलने का क्रेज कम हो गया है। 
 

सर, आपके बेटे की तरह हैं पास कर दीजिएगा

छात्र ने कॉपी पर लिखा, सर...कोरोना के कारण पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो पाई। हम काफी गरीब हैं। पापा के साथ दुकान पर काम करने में समय निकल गया। हम आपके बेटे की तरह हैं तो सर, प्लीज पास कर दीजिएगा।

ट्यूशन पढ़ने के लिए पैसे नहीं थे सर

एक कॉपी पर छात्र ने ट्यूशन न पढ़ने के कारण अच्छा पेपर न होने का हवाला दिया। उसने लिखा कि सर, मजदूरी कर अपनी पढ़ाई कर रहा हूं। ट्यूशन पढ़ने के लिए रुपये नहीं थे। इसलिए, शायद पास होने भर के अंक न आ पाएं। मेरे भविष्य का ध्यान रखते हुए अच्छे अंक दीजिएगा। 

फेल हुई तो शादी नहीं होगी

एक छात्रा ने कॉपी पर लिखा कि पिता जी बीमार रहते हैं। उन्हें मेरी शादी की चिंता सता रही है। वर्तमान समय में हर व्यक्ति पढ़ी-लिखी पत्नी चाहता है। फेल हो गई तो शादी नहीं हो पाएगी।