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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: साइकिल सवार को बचाने में स्कूटी पलटी, पिता की मौत

 

पुत्र का मेडिकल कालेज में चल रहा उपचार

पिता की मौत से परिवार में कोहराम

जहानागंज। थाना क्षेत्र के सुंभी बाजार में अचानक सामने आए साइकिल सवार को बचाने के चक्कर में स्कूटी अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में स्कूटी पर सवार पिता-पुत्र घायल हो गए। घायलों को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां डाक्टरों ने पिता को मृत घोषित कर दिया। पुत्र का इलाज चल रहा है।

 जहानागंज थाना क्षेत्र के नरेहथा गांव निवासी रामशब्द चौहान (58) रविवार को अपने छोटे पुत्र उत्कर्ष चौहान (22) की स्कूटी पर सवार होकर उसे दवा दिलाने जिला मुख्यालय जा रहे थे। अभी स्कूटी सवार पिता-पुत्र सुम्भी बाजार में ही पहुंचे थे कि स्कूटी के सामने अचानक साइकिल सवार आ गया। जिसे बचाने के चक्कर में स्कूटी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में पिता-पुत्र घायल हो गए। रामशब्द चौहान के सिर में गंभीर चोट आयी थी। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को तत्काल इलाज के लिए मेडिकल कालेज भेजा गया। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने रामशब्द को मृत घोषित कर दिया। वहीं पुत्र उत्कर्ष का वहीं इलाज हुआ। उसे मामूली चोट आयी थी। मरहमपट्टी के बाद उसे भी छोड़ दिया गया। घटना की सूचना घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन मेडिकल कालेज पहुंचे और शव को लेकर घर चले आए। इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रामशब्द चौहान राजगीर का काम करते थे। वे दो पुत्र व तीन पुत्रियों के पिता थे।