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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh: खाड़ी देशों के खजूर की बाजारों में बढ़ी मांग

आजमगढ़। बाजार में खाड़ी देशों के खजूर खूब धूम मचा रहे हैं। रमजान में रोजा में मुस्लिम समाज के लिए इफ्तारी में खजूर खाना सुन्नत माना गया है।
रोजेदार रोजाना शाम को मगरिब की अजान के बाद खजूर खाकर रोजा इफ्तार करते हैं। इन दिनों बाजार में विभिन्न नामों के खाड़ी देशों के खजूर बिक रहा है। रमजान का मुबारक माह में खजूर हर मुस्लिम समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मुबारकपुर, सरायमीर, देवगांव, फूलपुर समेत सभी बड़े बाजारो में सऊदी अरबिया के मदीना, रेयाज, दमाम, जिदह, दुबई, कतर, बोरनई आदि खाड़ी देशों के खजूर लोग खरीद रहे हैं। हालांकि महंगाई का असर खजूर पर साफ दिख रहा है। बाजारों में सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक बाजार में खजूर मौजूद है। मुबारकपुर के दुकानदार अलाउद्दीन अहमद ने बताया कि बाजार में एक सौ से एक हजार रुपये तक खजूर उपलब्ध हैं। इनमें कलमी चार सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक, मशरूख की चार सौ से लेकर साढ़े चार सौ रुपये तक, मबरूम का पांच सौ रुपये, अराफात का 280 रुपये, मरियम 250 रुपये अजवा का एक हजार रुपये, जहीरी 140 रुपये के नामें से खजूर बाजारों में बिक रहा है।

इफ्तार में खजूर से रोजा खोलना सुन्नत

आजमगढ़। रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय अपना रोजा खोलने से पहले खजूर खाना पसंद करते हैं। मौलाना रहमतुल्लाह मिस्बाही ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को खजूर बहुत पसंद था। य्वे भी खजूर खाकर ही रोजा खोलते थे। इस लिए पाक महीने में रोजा रखने वाले मुस्लिम पैगंबर साहब की सुन्नत का पालन करते हुए अपना रोजा खोलते हैं। अगर किसी के पास खजूर नहीं होता है तो वह एक पानी से भी रोजा खोल सकता है।