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ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh:पुलिस पर वीर कुंवर ‌सिंह के वंशज की पीट-पीटकर हत्या के विरोध में प्रदर्शन

महाराणा प्रताप सेना, विहिप और बजरंग दल ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
घटना की निष्पक्ष जांच करने की मांग
आजमगढ़। 1857 के स्वतंत्रता सेनानी वीर कुॅवर सिंह के वंशज को पुलिस द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना से आक्रोशित महाराणा प्रताप सेना के नेतृत्व में विश्व हिन्दू परिषद् व बजरंग दल द्वारा राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान घटना की निंदा करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के साथ ही स्वतत्रंता संग्राम सेनानी परिवारों के हित में बेहतर कदम उठाए जाने की मांग की गई।
  सेना प्रमुख विजेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार प्रांत के आरा जिला के दल्लीपुर, जगदीशपुर स्थित स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुॅवर सिंह के किले में सुरक्षा में तैनात सीसीआईटी जवानों द्वारा उन्हीं के वंशज पपौत्र रोहित सिंह उर्फ बबलू सिंह की बर्बरता पूर्वक पीट-पीटकर हत्या कर दिया गया, यह घटना बर्दाश्त से बाहर है। उक्त घटना की निष्पक्ष जांच कराकर सुरक्षा के नाम पर तैनात भक्षक आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए अगर ऐसा नहीं किया गया तो महाराणा प्रताप सेना सहित कई संगठन न्याय के लिए जगदीशपुर रवाना होंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। विश्व हिन्दू परिषद के दीनानाथ सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों के साथ ऐसी घटना घटित होना व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। श्री सिंह ने सवाल किया कि ऐसा बर्ताव करने का अधिकार इन्हें किसने दिया? आज भी शहीद चन्द्रशेखर आजाद की माँ को जीविकोपोर्जन हेतु भिक्षा मांगना पड़ा, वहीं शहीद भगत सिंह के सहयोगी क्रान्तिकारी को दवा कराने का पैसा एवं बस चलाने तक की अनुमति में नहीं मिल सकी। शहीद ठाकुर रोशन सिंह की बहू दूसरे के यहां झाड़ू-पोछा करने को बाध्य है, पं रामप्रसाद बिस्मिल का परिवार दुर्दिन और गुमनामी झेल रहा है। परमवीर चक्र विजेता यदुनाथ सिंह का परिवार जीविकोपार्जन हेतु जूझ रहा है। ऐसे दर्जनों स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के परिवारों की दुर्दशा कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर अनिल सिंह, गौरव रघुवंशी, सुरेश सिंह, पवन नाथ चौहान, जय सिंह, अमित गुप्ता, शशांक तिवारी, अमलेश सिंह, दिनेश खंडेलिया, शिवम सिंह, आकाश जायसवाल, सुरेन्द्र यादव, उत्कर्ष सिंह, महेन्द्र प्रताप सिंह, जवाहर लाल सहित भारी संख्या में कई संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।