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खास खबर

ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा

 ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, क्षमता से अधिक बैठा रहे सवारी, हादसे का बढ़ा खतरा रानी की सराय। सुगम यातायात में बाधक बन रहे ई-रिक्शा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने लगे हैं। क्षमता से अधिक सवारी बैठा तेज रफ्तार से चल रहे हैं। आए दिन ई-रिक्शा के पलटने पर यात्रियों के घायल होने की घटनाएं हो रही हैं। लेकिन पुलिस और यातायात विभाग पर इन पर कार्रवाई को लेकर उदासीन बना है।   शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा का संचालन होता है। नियमों को धता बताते हुए अधिकांश ई-रिक्शा क्षमता से अधिक यात्रियों को ढो रहे हैं।  रानी की सराय में यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। कस्बा में  एक ई-रिक्शा चालक ने सीमा से अधिक सवारियां बैठाई। जिसमें लगभग 11 सवारियां अंदर बैठी हैं।   ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अवहेलना से सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है। ई-रिक्शा चालक क्षमता से अधिक सवारियां और सामान ले जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि चालक रिक्शा की छत पर भी यात्रियों को बैठा रहे हैं। यह कार्य न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यात्रियों की जान को भ...

Azamgarh : दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा

50 हजार अर्थदंड भी लगाया

आजमगढ़। मंद बुद्घि युवती के साथ दुष्कर्म किए जाने के आरोपी को अदालत ने दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर करावास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया। प्राप्त धनराशि का आधा हिस्सा पीड़िता को दिया जाएगा। मंगलवार को यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट शिवचंद की अदालत ने सुनाई।

मुकदमें के अनुसार रौनापार थानाक्षेत्र की रहने वाली मंद बुद्घि पीड़िता की मां ने महराजगंज थाना के देवारा हरखपुरा( कटान) गांव निवासी रामदास यादव पुत्र राजदेव यादव के विरूद्घ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमें में आरोप है कि पीड़िता अपने घर से निकल गई थी। 15 जुलाई 2017 का यह जानकारी मिली कि आरोपी ‌पीड़िता को अपने घर में रखा था और उसके मर्जी के विरूद्घ दुष्कर्म किया। इस मामले में संबंधित थाना पुलिस आरोपी के विरूद्घ दुष्कर्म समेत एससीएसटी का मुकदमा दर्ज किया। जांचोंपरांत आरोपी के विरूद्घ पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में प्रेसित किया। मुकदमें के परीक्षण के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से इस मुकदमें की पैरवी कर रहे एडीजीसी इंद्रेशमणि त्रिपाठी, आलोक त्रिपाठी व अभियोजन अधिकारी मानिकचंद यादव ने इस मुकदमें के वादी समेत कुल 8 गवाहों को पेश किया और तर्को को रखा। अदालत ने उभय पक्षों के तर्को को सुनने के बाद आरोपी को दुष्कर्म का दोषी पाया और उक्त सजा का निर्धारण किया।