आजमगढ़। उत्तर
प्रदेश के जिलों में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बने
हैं। शिक्षकों से साठगांठ करके खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) ने आफलाइन
अवकाश देने में जमकर मनमानी की है। स्कूलों का निरीक्षण, मानव संपदा पोर्टल
पर स्पष्टीकरण, वेतन का एरियर भुगतान करने के नाम पर शिक्षकों का शोषण
करने की शिकायतें जांच में सही मिली हैं। व्यापक गड़बड़ियां मिलने पर तीन
खंड शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनिक
कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। बीईओ कार्यालय में संबद्ध अनुदेशक पर भी
कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
बेसिक शिक्षा विभाग
ने पिछले दिनों विभिन्न स्तरों से शिकायतें मिलने पर महानिदेशक स्कूल
शिक्षा कार्यालय ने समूह 'ख' अधिकारियों को देवरिया जिले में बीईओ कार्यालय
के कामकाज का औचक निरीक्षण करने भेजा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन
आनंद ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने पर देवरिया जिले के बरहज के खंड
शिक्षा अधिकारी श्रीसुदामा, तारकुलवा के अजीतपाल और कौशांबी जिले के
मूरतगंज के बीईओ मुकेश नारायण मिश्र को निलंबित करके अनुशासनिक कार्रवाई
करने के आदेश अपर शिक्षा निदेशक बेसिक प्रयागराज को दिए हैं। बरहज कार्यालय
में तैनात अनुदेशक पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। जांच
में बरहज के बीईओ कार्यालय की जांच में परिसर में गंदगी, अभिलेखों का
रखरखाव बेतरतीब मिला। शिक्षकों को जनवरी, फरवरी व मार्च में जहां तीन, चार व
पांच अवकाश आफलाइन स्वीकृत किए थे, वहीं आनलाइन में यह संख्या बढ़कर क्रमश:
190, 512 व 524 तक पहुंच गई थी। इसी तरह से बीईओ की ओर से स्कूलों का
निरीक्षण तय मानक के अनुरूप नहीं मिला। मानव संपदा पोर्टल पर
शिक्षकों का स्पष्टीकरण, वेतन का एरियर देने में शिक्षकों का आर्थिक
उत्पीड़न सामने आया है। राज्य व वित्त आयोग से मिले धन का उपयोग सही नहीं
मिला, खेलकूद के धन से जिन दुकानों से सामान खरीदने का उल्लेख किया वो
दुकान ही नहीं मिली। खेलकूद सामग्री बोरों में भरी मिली और किताबें डंप थी।
बीईओ बरहज कार्यालय में अनुदेशक शैलेंद्र कुमार को मनमाने तरीके से संबद्ध
किया गया था, उस पर शिक्षकों का उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप हैं। देवरिया
जिले के तारकुलवा खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी व्यापक अनियमितताएं
मिली हैं। जेम पोर्टल से खरीद की जगह पुराने तरीके से टेंडर कराकर सामान
खरीदा गया। जिलाधिकारी कौशांबी ने डायट प्राचार्य व डिप्टी कलेक्टर कौशांबी
की टीम बनाकर मूरतगंज बीईओ कार्यालय की जांच कराई। इसमें विद्यालयों का
आपरेशन कायाकल्प कराने के संबंध में रिकार्ड नहीं मिले। बीआरसी
कार्यालय पर ब्राडबैंड व इंटरनेट का कनेक्शन तक नहीं था। शिक्षक संकुल
बनाने आदि की कार्रवाई अब तक शुरू नहीं की गई थी। महानिदेशक ने बताया कि
102 टीमें विकासखंडों की निगरानी कर रही हैं। इनमें उन 50 खंड शिक्षा
अधिकारियों की गहन पड़ताल कराई जाएगी जो सूची में निचले पायदान पर होंगे।